Badlapur two minor girls Sexual Assault case full story : बदलापुर दो नाबालिग लड़कियों से रेप केस की पूरी कहानी
आदर्श विद्यालय बदलापुर थाने में 2 छोटे बच्चों के साथ रैप हुआ और करने वाला कोई दूसरा नहीं स्कूल का चपरासी ही था।
1- केस किस लोकेशन में हुआ
2- पूरी कहानी क्या थी इस केस की
3- लोगों ने विरोध क्यों किया बदलापुर स्टेशन पर
4- विरोध में कोई राजनीतिक दल शामिल है
5- ताज़ा अपडेट क्या है बदलापुर रेप केस की
1- केस किस लोकेशन में हुआ
बदलापुर में आदर्श विद्यालय जो एक अच्छा स्कूल माना जाता था वहां पर ये घटना हुई थी। पूरे थाने में लोग नाराज और गुस्से में हैं। स्कूल प्रिंसिपल से जांच की मांग कर रहे हैं। स्कूल प्रिंसिपल का कोई जवाब ना आने की वजह से ये घटना लोगो में आग की तरह फैल गई और लोग स्कूल के बाहर धरना दे रहे हैं।
2- पूरी कहानी क्या थी इस केस की
बदलापुर के स्थानीय नागरिक से बात हुई उसने बताया के यहाँ पर मौजुद आदर्श विद्यालय जो के एक अच्छा विद्यालय माना जाता था। बच्चे रोज़ाना अपने समय पर स्कूल आते और जाते थे। स्कूल का चपरासी जिसका नाम आकाश शिंदे बताया जरा है वो मासूम लड़कियों को गंदी नजर से देखता था। और अपना हवस पूरा करने के लिए उसने छोटी बच्चियों के साथ टॉयलेट तक को नहीं छोड़ा। जब आस-पास कोई नहीं रहता था तो माओके का फ़ायदा उठा कर वो लड़कियों के पीछे टॉयलेट तक चला जाता था और कई बार टॉयलेट के अंदर चले जाता था। बच्चे मासूम और छोटे होने की वजह से नहीं समझ पाते थे लेकिन जब उनके साथ ये गलत काम करता था तब उन्हें दर्द और तकलीफ होती थी। वो शैतान चपरासी ने नजाने कितनी बच्चों के साथ ये गलत काम किया था लेकिन उन्ही में से 2 बच्चों ने अपने घर पर आकर बता दिया।
लगभग 15 या 16 अगस्त 2024 की बात है जब बच्चों ने खुदके घर आकर बताया था। माँ बाप ने बहुत परेशान कर पूछा तो उनको लड़कियों ने बताया कि हमारे साथ स्कूल के चपरासी ने गलत काम किया है और हमें बहुत दर्द हो रहा है। माँ बाप ने जब ये बात सुनी तो उनके होश उड़ गए। बदलापुर के स्थानीय नागरिक ने और बताया कि जब मां बाप ने बिना किसी को बताए बच्चों का मेडिकल करवाया तो उन्हें मालूम हुआ के उनके बच्चों के साथ गलत हुआ है।
दोनों बच्चों के माँ बाप एक दूसरे को जानते थे उनहों ने स्कूल प्रिंसिपल से आकर पूरी बात बताई तो प्रिंसिपल ने पूरी तरह से बात को झूठ बताया और कहा के हमारे स्कूल में ये सब चीजें नहीं होती हैं। बच्चे झूठ बोल रही हैं जबके बच्चे मासूम होते हैं उन्हें जो दिखता है वो वही बातें बोलते हैं। लेकिन जब प्रिंसिपल ने बात सुनने से इंकार किया तो मां बाप ने कुछ राजनीतिक लोगो को ये घटना बताई तो वो लोग इनका साथ दिए और एफआईआर दर्ज करवाने गई लेकिन थाने वालों ने शिकायत लेने से इंकार कर दिया। लगभग 12 घंटे बाद पुलिस वालों ने शिकायत ली।
3- लोगों ने विरोध क्यों किया बदलापुर स्टेशन पर
अब तक बात जंगल में आग की तरह फेल हो चुकी थी। पूरे थाने में लोगों ने जब केस सुना तो अपने-अपने घर से निकल आए और बच्चों को न्याय दिलाने के लिए आगे आए। लोगों ने पहले स्कूल प्रिंसिपल से प्यार से बात की, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते स्कूल के बाहर विरोध किया गया। इतना सब होने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया। लोगों ने अपनी बात मनवाने और बच्चों को इन्साफ दिलाने के लिए बदलापुर स्टेशन के बाहर विरोध करना चालू किया। 20 अगस्त सुबह से लोगों ने बदलापुर स्टेशन को घेर लिया और इंसाफ की बात करने लगे। सुबह से लेकर शाम तक विरोध चलते रहे। स्थानीय पुलिस, आरपीएफ, और दूसरे बल बदलापुर स्टेशन के पास आ गए। येहा तक के प्रदर्शनकारियों के ऊपर आँसू गेस भी दागे गए। लोग इतना सब कुछ होने के बाद भी इन्साफ की मांग कर रहे हैं और स्टेशन पर जमे हुए हैं।
4- विरोध में कोई राजनीतिक दल शामिल है
इस विरोध में किसी भी राजनीतिक दल को शामिल नहीं किया गया है। स्थानीय जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है और सरकार से मांग कर रही है कि जल्द ही कार्रवाई की जाए। क्रिमिनल को फांसी की सजा दीजिए. यही मांग की होरहा है.
5- ताज़ा अपडेट क्या है बदलापुर रेप केस की
ये ब्लॉग लिखने वक्त लोगो का विरोध चालू है, रात के लगभग 7 बजने वाले हैं। लोग अपने काम धंधा बंद करके ये विरोध कर रहे हैं। बड़े-बड़े समाचार चैनल भी पहोच चुके हैं। राज्य के बड़े-बड़े राजनीतिकरण भी मौके पर आ गए हैं। ये केस पूरे देश में फेल चुका है।
अभी कोलकाता के निर्दोष डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला चल रहा है और इंसाफ भी नहीं मिल रहा है। पूरे भारत के जूनियर डॉक्टरों ने हर राज्य में विरोध प्रदर्शन किया है और कर रहे हैं। लेकिन ऐसे मामले जारी हैं। कभी छत्तीसगढ़, कभी थाने और कभी यूपी। हमारी सरकार ऐसे कानून क्यों नहीं बनाती कि हमारे देश की औरतें और लड़कियाँ अपने आप को सुरक्षित महसूस करें और अपराधी बनें जो ये अपराध करने के बारे में सोचता है वो अपनी सोच बदले, कानून से डरे।