अब तक 40,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं
इज़राइल और फिलिस्तीन युद्ध में अब तक फिलिस्तीन के 40,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
More than 40,000 peoples of Palestine are killed in ISrael and Paletine war.
अलजज़ीरा रिपोर्टिंग द्वारा”
7 अक्टूबर के बाद से 328 दिनों में गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
इसमें लगभग 17,000 बच्चे शामिल हैं। यह गाजा में अब मर चुके सभी बच्चों का 2.6 प्रतिशत है।
7 अक्टूबर के बाद से हर दिन कम से कम 53 बच्चे मारे गए हैं और हर दिन इज़रायली हमलों में 72 पुरुष और महिलाएं मारे गए हैं।
मलबे के नीचे कम से कम 10,000 लोग लापता हैं, उनमें से अधिकांश को मृत मान लिया गया है। “
40000 यह सिर्फ आंकड़ा ही नहीं बल्कि एक पूरा शहर है।
इज़रायली सेना ने तो पूरे शहर को ही ख़तम कडाला / मर्डाला और अभी भी खून के प्यासे हैं और लोगों को मार रहे हैं।
काहा है WHO, UN, EU आदि?
किधर है बाल सुरक्षा संगठन?
कहां हैं महिला सुरक्षा संगठन?
सारी संस्थाएं गूंगी और बाहरी होचुकी हैं।
आम लोगों को मारा जा रहा है लेकिन कोई कुछ भी नहीं बोलता, कोई रोकने को तैयार नहीं है, किसी को इंसान की जानो की फ़िक्र नहीं है। और होगी भी क्यों दूसरे मुल्क में लोग खुश हैं, मजे से खा पी रहे हैं, सारे त्योहार मनाए जा रहे हैं। अफसोस किसी को कोई फ़िक्र नहीं है।
अधिकतर बच्चे मारे जाते हैं
अलजज़ीरा के अनुसार, “इस युद्ध में अब तक लगभग 17000 बच्चे मारे गए हैं।”
आज वो दिन गाजा और वेस्ट बैंक में चल रहा है कि बाप बेटे की मौत का शव लेकर चल रहा है, माँ अपने गोंद में छोटे छोटे बच्चों की मरी हुई शरीर लिए हुए है, भाई बहन की लाश के सामने खड़ा है और बहन भाई की लाश के सामने.
सबके घर उजड़े हुए है, घर को मिट्टी में मिला दिया गया है। उनके पास सिर छुपाने को छत नहीं है और, बैठने को जगह नहीं है।
मासूम मासूम बच्चे खाने और पानी पीने को तरस रहे हैं। जगह जगह राहत / शरणार्थी शिविर लगे हुए हैं पूरे गाजा में लेकिन वो भी सुरक्षित नहीं है। कभी भी कोई रॉकेट या बम आकर उन मासूम लोगो पर गिर जाता है और वो मौत का शिकार हो जाते है, सोशल मीडिया के वीडियो और अलजजीरा की रिपोर्टिंग ने पूरी दुनिया में इजरायली चेहरे को दिखाया है कि किस तरह वो अपना रंग दिखा रहे हैं गाजा में। बच्चे खाने के लिए लाइन लगाकर खाने का इंतजार करते हैं कि अब खाना आएगा और हम खाना लेकर थोड़ा खुद खाएंगे और थोड़ा अपने परिवार वालों को खिलाएंगे ये सोचते और इंतजार में खड़े ही रहते हैं के कहीं से उनके ऊपर कोई बम या रॉकेट आकर गिर जाता है वो बेचारे जिनको कुछ पता नहीं क्या चल रहा है हमारे आस पास। मारे जाते हैं।कितना खौफनाक माहौल बना हुआ है गाजा में।
बेचारे उन बच्चों का क्या कुसूर है जो ये सजा काट रहे हैं। नजाने कितने बच्चे मलबे के नीचे दबे हुए हैं और न जाने कितने बच्चे कहीं पर मुर्दा पड़े हुए हैं।
दिल कन्प जाता है और रूह तड़प उठती है उन औरतों और बच्चों को तड़पता हुआ और मौत के मुँह में जाता हुआ देख कर ।
लगभग 20% महिलाएँ मारी गईं।
बच्चों के बाद महिलाओं में भी कुछ कम नहीं मारे गए इस लड़ाई में। कहीं इजरायली सेना गाजा के महिलाओं के अंडरगारमेंट्स से खेलते हुए दिखाई देती है वीडियो में और कहीं उनके साथ गलत व्यवहार के साथ।
जब गाजा की महिलाएं अपने बच्चों के साथ सुरक्षित स्थान पर जाती हैं उसी समय इजरायली सेना आती है और उन्हें जगह छोड़ने के लिए मजबूर करती है। बहुत सारी महिलाएं अपने घरों के अंदर जिंदा दफन होचुकी हैं। सूत्रों से पता चला कि कहीं उनके साथ रैप किया गया है। औरतें लड़ने के लिए नहीं होतीं और वो भी होम मेकर महिलाएं। उनका सिर्फ ये कुसूर है के वो गाजा में है। ना जाने क्या-क्या उनके साथ किया जा रहा है। हम तो सिर्फ जो चीज सोशल मीडिया और कुछ दूसरे मीडिया के माध्यम से अति है उन्हें देख सकते हैं। बाकी ग्राउंड पर क्या क्या होरहा वो तो वहां के लोग ही समझ सकते हैं।
अलजजीरा की ही एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एक परिवार वाला सदस्य अपने घर वालों की मौत के बाद उनके शव को गाड़ी पर लेकर जा रहा था, कहीं कोई बाप अपने टूटे हुए घर पर खड़ा है और अपने घर वालों को याद करके अल्लाह से फरियाद करता है। कहीं कोई बच्चे के हाथ की जोड़ी कटे हुए शरीर पर पड़ी है, कहीं कुछ लोगों की लाशें पड़ी हैं। हर जगह लाशें ही लाशें हैं।
इस युद्ध में लगभग 60% महिलाएं और बच्चे मारे गए।
इजरायली सेना को लड़ना ही था तो हमास के लड़ाकों से लड़ते थे। उनके असली दुश्मन तो वो थे लेकिन उन्हें हमास के नाम पर 60% निर्दोष महिलाओं और बच्चों को मार डाला और बाकी 40% में से भी 20-30% आम नागरिक हैं जिनका कोई कुसूर नहीं था इस युद्ध में। ये आंकड़ा बताता है कि कितना मानवतावादी सोच रखता है इजरायली सेना, बल और इजरायली लोग। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह कुछ भी कर सकती है और किसी की भी हद तक गिर सकती है।
इजराइल ने जितने मासूम लोगो को गाजा और वेस्ट बैंक में मारा है उतने ही लोगो से एक सामान्य शहर किसी भी राज्य का बन जाता था, बहुत स्कूल और कॉलेजों के लिए छात्र मिल सकते थे लेकिन अफ़सोस… ये सब के पीछे सबसे बड़ा रोल मुस्लिम समुदाय का भी है अगर वो चाहते तो इसे रोक सकते थे लेकिन उन्हें ने भी फिलिस्तीनियों को अकेला छोड़ दिया..
328 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन अभी तक इजराइल का एक भी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। नहीं मालूम कितने और लोग इस युद्ध में मारे जायेंगे। ये नरसंहार जल्द ही बंद होना चाहिए और संघर्ष विराम ही इस नरसंहार को रोक सकता है। हम इजराइल और फिलिस्तीनी युद्ध में युद्धविराम की मांग करते हैं।